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Showing posts from September, 2018

पानी में मीन प्यासी रे ...

मेरा परम निदान मुझसे अलग है बाहर है। दूर के ढोल सुहावने लगते हैं। आदमी अपने पास से नहीं दूर से संतुष्ट होता है। लोग ब्रह्म को ,श्रेष्ठ -चेतन को भूल गए। जड़ चेतन सबको ईश्वर मान लिया गया। लोग ब्रह्म के वास्तविक स्वरूप को भूल गए। ब्रह्म का मतलब है महान श्रेष्ठ। उपनिषदों में चार महावाक्यों में कहा गया है ब्रह्म का स्वरूप : मैं ब्रह्म हूँ -उत्तम पुरुष (अहंब्रह्मास्मि ) मैं श्रेष्ठ हूँ -अयं  आत्मा ब्रह्म -ये आत्मा ही ब्रह्म है  वही तू है - तत् त्वं असि  (मध्यम पुरुष ) ये आत्मा ब्रह्म है -अन्य पुरुष  ज्ञान ही ब्रह्म है। - प्रज्ञानं ब्रह्म  ये बातें लोग भूल गए हैं। श्रेष्ठ तत्व को भूल जाने से रास्ता दूसरा हो गया।मान लिया ब्रह्म कहीं अलग है जड़ चेतन को मिलाकर ब्रह्म है।ब्रह्म है लेकिन हमारी समझ गलत है। बाहर ब्रह्म खोजने की बात -रोवो ,गाओ , नाँचो ब्रह्म को रिझाओ ... भक्त यही कर रहा है।   दो दो अक्षरों को मिलाकर कहा नाम जपो ,राम जपो , ....  नाम जप आदि मन के निग्रह के लिए ठीक है लेकिन अंतिम तो 'नामी' को समझना है 'नामी' कौन है। फिर भी कुछ लोग ''ज्योत''/ज्योति 

रामु गइओ रावनु गइओ जा कउ बहुपरवार। कहु नानक थिरु कछु नही सपने जिउ संसारि।

रामु गइओ रावनु गइओ जा कउ  बहुपरवार।   कहु नानक थिरु कछु नही सपने जिउ संसारि।  (नौवां महला श्री गुरुग्रंथ साहब सलोक ५० ) कबीर भजन -गायक श्री छन्नू लाल मिश्रा  कबीर बारहा चेताते हैं जीवन की क्षणभंगुरता निस्सारता की ओर  ध्यान आकर्षित करते हुए कहते हैं :प्राणी तू मृत्यु को क्यों भूले बैठा है यहां जो आया है वह जाएगा कोई भी उमर पट्टा लिखा कर नहीं आया है। यह जीवन तुझे जप तप दान के लिए मिला है। तेरे अच्छे काम ही तेरे साथ जाएंगे। यहां पुण्य के प्रतीक राम और पाप के प्रतीक रावण दोनों ही गए। तुझे अब  पुण्य और पाप दोनों के पार जाना है। भवसागर के पार जाना है।  जीवन मृत्यु चक्र से मुक्ति पाने के लिए तेरे पास बस  एक ही उपाय है ,जिभ्या से राम राम जप। अब तो चेतो प्राणी मृत्यु आसन्न खड़ी है ,बीच धार में डूब के मर जाएगा तू। जीवन व्यर्थ गंवाया है तूने अब पछताता क्यों है। सारा जीवन चोग भोग में बिता दिया भौतिक संशाधनों को जुटाने में ही तू उलझा रहा। साथ तेरे कुछ और नहीं जाना है।  गुरुगोविंद साहब ने कहा था - मैं हूँ परम् पुरुख को दासा , पेखन आया जगत तमाशा। ये दुनिया एक खेल तमाशा है। यहां तू